सोमवार, 7 अप्रैल 2014

मेरे आखरी पल

   
इक दिन मैं इस जहाँ से चला जाऊंगा,
बनके आंसू आखों से बह जाऊंगा, 

सपने टूटेंगे, अपने रुठेंगे, आँख भीगेगी, होंठ सूखेंगे,
तुम हर पल मेरी याद में आंसू बहाओगे,
पर मैं ना उन आंसुओं को धों पाऊंगा।।
इक दिन मैं इस जहाँ से चला जाऊंगा, 

माँ चीखेगी, पापा रोयेंगे, दोस्त दुःख होंगे,
दुश्मन खुश होंगे लोग हर पल मेरे बारे में बोलेंगे 
पर मैं ना उन लोगों को सुन पाउँगा ।।.
इक दिन मैं इस जहाँ से चला जाऊंगा, 

कोयल कूकेगी, पंछी चेह्केंगे, सूर्य अस्त होगी, रात बीतेंगे,
तुम हर पल मुझे उनमे ढुढोगे,
पर मैं ना तुम्हे उनमे नज़र आऊंगा।। 
इक दिन मैं इस जहाँ से चला जाऊंगा,

लोग सोचेंगे, मुझको ढुढ़ेगे, स्याही सूखेगी,
पन्ने बिखरेंगे, लोग हर पल मेरे बारे में लिखेंगे,
पर मैं ना उन लोगों को पढ़ पाउँगा।। 
इक दिन मैं इस जहाँ से चला जाऊंगा,
                           इक दिन मैं इस जहाँ से चला जाऊंगा ==== रोहित कुमार !!