रविवार, 22 सितंबर 2013

बरस ए कहर

 
 
 
बरस ए कहर जितना चाहे तू..
कि अब तेरी बारी है....
कभी दिल था तो हम भी...
रो रो के दरिया बहाया करते थे...रोहित कुमार...!!